इतिहास में पहली बार विक्रम यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान में एक साथ 9 स्टार्टअप शुरू
[1] यूनिक एडूहोम
कम्प्यूटर विज्ञान संस्थान के एमसीए के छात्र विशाल यादव ने यूनिक एडूहोम नाम से स्टार्टअप शेखर दिसावाल के मार्गदर्शन में शुरू किया है। यह स्टार्टअप विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण स्थानीय भाषा में व कम कीमतों में प्रदान करेगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों के लिए भी उपयोगी होगा।
[2] होम सर्व
उपभोक्ताओं को घर बैठे वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए अलग-अलग फील्ड के विशेषज्ञ जैसे इलेक्ट्रिशियन, पेस्ट कंट्रोल, प्लंबर, इंटीरियर डिजाइनर की सेवाएं 2 घंटे में मुहैया करवाएंगे। यह स्टार्टअप मंगेश सोलंकी ने डॉ. लोकेश कुमार लड्ढानी के मार्गदर्शन में बनाया है।
[3] वर्ल्ड ऑफ लाइफ फिटनेस
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और अलर्ट करने के साथ यह स्टार्टअप संबंधित व्यक्ति को यह भी बताएगा कि उनके स्वास्थ्य को कौन सा तत्व प्रभावित कर रहा है, उसमें सुधार के लिए क्या किया जाए। इसे नवनीत खत्री ने डॉ. भूपेंद्र कुमार पंड्या के मार्गदर्शन में बनाया गया है।
[4] डेस्टिनी बुक्स
विद्यार्थी को बहुत कम कीमत पर उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध करवाने में मदद करेगा। इसे सूरज वर्मा ने कीर्ति दीक्षित के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। उनका कहना है कि यह खास कर ऐसे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी रहेगा, जो चाहकर भी पुस्तकालय नहीं जा पा रहे हैं।
[5] आर्ट कनेक्शन
कला प्रेमियों को एक मंच प्रदान करने में मदद करेगा। जहां से वे विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां न्यूनतम दरों पर खरीद सकेंगे। इसे प्रतीक्षा भदौरिया ने कीर्ति दीक्षित के मार्गदर्शन में तैयार किया है। उनका कहना है कि कला जगत में इस तरह के स्टार्टअप की लंबे समय से जरूरत थी।
[6] प्रोजेक्ट ट्रेनर डेवलपर
वेबसाइट डिजाइनिंग, परियोजना प्रबंधन पर विद्यार्थियों को जानकारी मिलेगी। इसे आयुष जोशी ने लोकेश राठौर के मार्गदर्शन में बनाया है। इसके जरिए इच्छुक विद्यार्थियों को प्रबंधन, शैक्षणिक परियोजनाओं में किफायती कीमतों पर सहायता और मार्गदर्शन मिलेगा।
[7] एक्सपर्ट राइटिंग असिस्टेंस
ऐसे लोग जो वर्ड प्रोसेसिंग का काम नहीं जानते हैं, उनके लिए वर्ड प्रोसेसिंग का काम कर
गुड राइटिंग कम्प्यूटर से लोगों का काम आसान करने में मदद मिलेगी। इसे दीपक वर्मा ने डॉ. बह्मदत्त शुक्ला के मार्गदर्शन में तैयार किया है
[8] होम मेड क्रिएशंस
जो लोग होम मेड वस्तुएं बनाते हैं, उन्हें इंटरनेट, ऑनलाइन के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। इससे उनके सामान को एक बाजार मिलने में सहायता मिलेगी। इसे वीरेंद्रसिंह परमार ने प्रज्ञा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में बनाया है।
[9] बायोफेसिंग
खेत की मेड़ से किस प्रकार कमाई की जा सकती है। इसे लेकर अर्पित सिंह अटल ने गीतिका सिंह के मार्गदर्शन में स्टार्टअप बनाया है। उनका कहना है कि खेत की मेड़ को अनुपयोगी छोड़ दिया जाता है जबकि उससे भी कमाई की जा सकती है ।
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